Tuesday, August 6, 2019

आर्टीकल 370

आर्टीकल 370










कश्मीर भारत का मुकुट सिर दर्द बना क्यों
कश्मीर का हर आदमी बेदर्द बना क्यों
अंग्रेज हमें दे गए आज़ादी मुल्क की
पर कर गए बंटवारे से बरबादी मुल्क की !

बिखरे हुए मोती सभी माला में पिरोये
सरदार ने मेहनत से दिल के घाव थे धोये
कश्मीर को नेहरू अलग ही भाग दे गए
इस देश को अलगाव का एक राग दे गए ।

इस तीन सौ सत्तर से सत्तर साल खप गए
तीन परिवारों में सारे साल नप गए
नेहरू के बोये जख्म को सब सींचते रहे
घर फूंक कर के भी यूँ थे आंख मींचते रहे ।

पाकिस्तान को कश्मीर तश्तरी पे दे दिया
हर पांचवां इंसान बना उनका भेदिया
बच्चों के हाथ से खिलोने छुड़ा लिए
और उसकी जगह पर उन्हें पथ्थर थमा दिए !

हर एक बुराई काअंत बोलता कभी
जब रक्त राष्ट्र भक्त का है खौलता कभी
जब भय से मुक्त हो के कोई युक्ति सोचता
जब कर के सामना विश्व का मुक्ति सोचता !

जब देश राष्ट्र भक्त के ही साथ खडा हो
कुछ कर गुजरने का भी हौसला यूँ बडा हो
तब सारी परिस्थिति समय के साथ होती है
तब हर समस्या चुटकियों में साफ होती है ।

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